वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की वार्षिक ‘Global Risks Report’ के द्वारा जीवन यापन की लागत के संकट (cost of living crisis) को सबसे बड़े अल्पकालिक जोखिम के रूप में उजागर किया गया है, जो जलवायु परिवर्तन के साथ सबसे विशाल दीर्घकालिक संकट है। इस साल के संस्करण का निर्माण पेशेवर सेवा फर्म मार्श मैक्लेनन तथा ज्यूरिख इंश्योरेंस ग्रुप के साथ किया गया है।

जीवन यापन की लागत का संकट
इस रिपोर्ट में बताया गया है कि यूक्रेन के अंदर रूस के युद्ध तथा कोविड-19 महामारी के द्वारा ऊर्जा संकट, भोजन की कमी तथा मुद्रास्फीति को सबसे ज्यादा दबाव वाले वैश्विक मुद्दों के रूप में प्रेरित किया गया है। सरकारे अब जीवन यापन की लागत के संकट के प्रभाव को घटाने की दिशा के अंदर वर्क कर रही हैं, साथ ही बढ़ती मुद्रास्फीति से बचाने तथा ऐतिहासिक रूप से उच्च ऋण भार को घटाने का प्रयास भी कर रही हैं।
जलवायु परिवर्तन
इस रिपोर्ट के अंदर बताया गया है कि दुनिया को “पारिस्थितिक संकट” (ecological breakdown) तथा निरंतर ग्लोबल वार्मिंग से बचने हेतु अगले दशक के अंदर जलवायु शमन तथा अनुकूलन पर ज्यादा प्रभावी ढंग से मदद करना चाहिए।
अन्य जोखिम
अन्य जोखिमों के अंदर प्राकृतिक आपदाएं, भू-आर्थिक टकराव, सामाजिक सामंजस्य का क्षरण, व्यापक साइबर अपराध, बड़े पैमाने पर अनैच्छिक प्रवासन तथा प्राकृतिक संसाधन संकट, जलवायु परिवर्तन के साथ सम्मिलित हैं। साइबर अपराध तथा प्रवासन भी दीर्घकालिक जोखिमों के रूप में दिखाई दिए हैं।